बाग-आबड़ा के ग्रामीण कर रहे पृथक पंचायत की माँग



स्थान/दिनांक:  बाग-आबड़ा , 29/10/2025

बाग-आबड़ा। राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में पुनः पंचायत पुनर्गठन को अनुमति देने के बाद पंचायत पुनर्गठन की मांगों ने पुनः जोर पकड़ लिया है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ग्राम बाग-आबड़ा के समस्त निवासियों ने राज्य सरकार और संबंधित पंचायती राज विभाग से अपने क्षेत्र के लिए एक पृथक ग्राम पंचायत के गठन की ज़ोरदार अपील की है। निवासियों का कहना है कि वर्तमान पंचायत व्यवस्था भौगोलिक दूरी और प्रशासनिक अक्षमताओं के कारण उनके गाँव के विकास में बाधा डाल रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार स्थानीय लोगों ने पंचायत पुनर्गठन की मांग को सरकार के समक्ष रखा है।

 

18 किलोमीटर की दूरी बनी विकास की बाधा

ग्रामीणों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बाग-आबड़ा का कोई भी क्षेत्र उनकी वर्तमान ग्राम पंचायत, भजौन, से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है।

ग्रामवासियों का कहना है कि "हमें छोटी-छोटी प्रशासनिक ज़रूरतों के लिए लगभग 16 से 18 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस लंबे सफर में न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी होती है।यह भौगोलिक अलगाव हमें ग्राम सभाओं और ज़रूरी बैठकों से दूर रखता है, जिसके कारण हमारी आवश्यक माँगें अधूरी रह जाती हैं,।" 

एक ग्रामीण प्रतिनिधि ने बताया कि "यही नहीं बल्कि हमें अन्य पंचायतों के क्षेत्रों से होकर गुज़रना पड़ता है। उन्हें  कोड़गा, कठवार और चांदनी पंचायत से हो कर 16-18 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है जो 3 मोज़े को छोड़ कर पड़ती है। जिसके कारण वो स्थाई आवश्यक मुद्दों को जन प्रतिनिधि के सामने रख पाते।"

पृथक्करण क्यों ज़रूरी है?

निवासियों ने रेखांकित किया कि पृथक पंचायत का गठन निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है:

 * प्रशासनिक दक्षता: एक समर्पित पंचायत के गठन से निर्णय लेने की प्रक्रिया गाँव के करीब आएगी, जिससे प्रमाणपत्र प्राप्त करने जैसे प्रशासनिक कार्य तेज़ी से पूरे होंगे। कभी कभी ग्राम पंचायत प्रधान न मिलने के कारण एक प्रमाण पत्र के लिए 2 से 3 दिन का समय लग जाता है। बता दें यह क्षेत्र अति पिछड़ा है अधिकांश क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या होती हैं।

 * योजनाओं का सीधा लाभ: एक नई पंचायत केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं के धन का आवंटन बाग हावड़ा की विशिष्ट ज़रूरतों के अनुरूप सुनिश्चित करेगी, जिससे अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुँचेगा।

  * जनभागीदारी में वृद्धि पंचायत भवन तक आसान पहुँच होने से ग्रामीण, विशेषकर महिलाएँ और बुजुर्ग, ग्राम सभाओं में सक्रियता से भाग ले सकेंगे, जिससे लोकतंत्र की भागीदारी मज़बूत होगी।

 * विकास की रफ़्तार: विकास कार्यों में तेज़ी आएगी और बुनियादी ढाँचे (सड़क, पानी) के निर्माण पर केंद्रित ध्यान दिया जा सकेगा।


ग्राम बाग-आबड़ा के समस्त निवासियों ने माननीय विधायक महोदय व उद्योग मंत्री ठाकुर हर्षवर्धन चौहान जी व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह से इस जन-भावना और न्यायोचित माँग पर तुरंत संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। ग्रामीणों को विश्वास है कि भौगोलिक दूरी और विकास में पिछड़ेपन के आधार पर, सरकार ग्राम बाग हावड़ा को एक नई पंचायत के रूप में स्थापित करने के लिए त्वरित और ठोस कार्रवाई करेगी।



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