पाकिस्तान कर रहा है परमाणु परीक्षण : ट्रंप

 पाकिस्तान कर रहा है परमाणु परीक्षण




हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु  हथियार के मुद्दे  पुनः  दिया है जब  एक  कॉन्फ्रेंस में यह कह दिया कि भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान परमाणु  हथियारों का का परिक्षण कर रहा है।   


अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि वर्तमान में रूस, चीन जैसे देश  भी भारी मात्रा में परमाणु परिक्षण कर रहे है।  लेकिन वो अपने परीक्षण को सार्वजानिक नहीं करते है जिसके कारण अन्य देशों को इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है।  हम एक खुली सामाजिक प्रणाली वाले राष्ट्र है तो सार्वजनिक कर देते है। उंहोने इसमें जोड़ते  कहा कि उत्तरी कोरिया , पाकिस्तान जैसे देश भी परिक्षण कर रहे  है।  

हालाँकि अमेरिका के वर्त्तमान में ऊर्जा सचिव है उन्होंने बयान दिया की वो ऐसे  परमाणु ऊर्जा या हथियार निर्माण को लेकर कोई योजना मौजूदा समय में नहीं बना रहे है।  उनका  ध्यान अभी गैर विस्फोस्टक सिस्टम टेस्ट पर है। वह पर्यावरण को ध्यान में रखकर ही कार्य कर रहे हैं।  


वर्त्तमान में परमाणु हथियारों का डाटा जनवरी 2025 के आंकड़े के हिसाब से निम्नलिखित है -

रूस -4301 (सर्वाधिक), अमेरिका - 3700, चीन -600, ईरान - 290, यूनाइटेड किंगडम - 225, भारत - 180, पाकिस्तान - 170, इसराइल  - 90


  पाकिस्तान ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए है।  अमेरिका ने भी बालाँकि इस संधि पर हस्ताक्षर किये है लेकिन इसे कांग्रेस में प्रमाणित नहीं करवाया है। 

बता दे पाकिस्तान मई 1998 के बाद कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया हैं।(सार्वजनिक जानकारी अनुसार )

व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि संगठन (Comprehensive Nuclear Test Ban Treaty Organization- CTBTO) परमाणु परीक्षण का पता लगाने वाला संगठन है।  यह सेस्मिक, इंफ्रासॉउन्ड,  रेडिओनुक्लाइड तरंगो के माध्यम से धरातल भूमिगत , व पानी के अंदर परमाणु विस्फ़ोट का पता लगा देता है। CTBTO के अनुसार वर्तमान में ऐसी कोई भी गतिविधि पाकिस्तान में नहीं पाई गयी है। 

गौरतलब है कि चीन 2030 तक परमाणु हथियारों की संख्या 600 से बढ़ाकर 1000 करने की योजना बना रहा है। जबकि पाकिस्तान 2028 तक 200 तक। 

भारत के लिए चिंता का विषय 

भारत के लिए यह एक चिंता का विषय के रूप में देखें तो चीन और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियार निर्माण में वृद्धि की योजनाएं तैयार कर रहा हैं। जो भारत के  खतरा उत्तपन्न कर सकते हैं। बता दें चीन ने 2021 में फ्रैक्शन ऑर्बिटल बॉम्बार्डमेंट सिस्टम (FOBS) परीक्षण किया है जो लोअर  ऑर्बिट  से परमाणु हथियार को निर्देशित/ मॉनिटर कर सकता है जिसका पता लगाने में वर्त्तमान पता लगाने की प्रणाली असमर्थ हैं. यदि पाकिस्तान चीन के माध्यम से ऑर्बिट से भारत पर परमाणु हथियार दागता है तो भारत के  लिए  विषय बन है। 


अवसर के रूप में 

 यदि ट्रंप परमाणु हथियार का निर्माण करता  है तो भारत  पोखरण III परीक्षण कर , अपने विवादित हाइड्रोजन बॉम्ब को सत्यापित कर सकता हैं। वर्तमान में पांच देशो के पास हाइड्रोजन बॉम्ब है जिनमे अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, चीन, फ़्रांस, रूस।  हालाँकि उत्तरी कोरिया व भारत भी दावा करते हैं लेकिन इन्हे सत्यापित नहीं किया गया हैं यह मामला विवादित है । 

 क्या है विवाद 

भारत ने जब  मई 1998 जब परमाणु परिक्षण किया तो कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे मात्र 10 से 15 किलोटन ही यील्ड निकला था जबकि इसके लिए न्यूनतम 58 किलोटन यील्ड निकलना आवश्यक होता है।  अतः यदि अमेरिका परीक्षण शुरू कर देता है तो  यह भारत के लिए भी पुनः उच्च यील्ड वाला परिक्षण करने का अवसर बन सकता  है। 

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